लैप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॉमी सर्जरी: ओपन सर्जरी से क्यों है अधिक लाभदायक?

 

लैप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॉमी सर्जरी: ओपन सर्जरी से क्यों है अधिक लाभदायक?

जब गॉलब्लैडर (पित्ताशय) की समस्या, जैसे पथरी या इंफेक्शन, गंभीर हो जाती है, तो कोलेसिस्टेक्टॉमी सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है। इस सर्जरी को दो तरीकों से किया जा सकता है: लैप्रोस्कोपिक और ओपन सर्जरी। हाल के वर्षों में लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। आइए जानें क्यों लैप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॉमी, ओपन सर्जरी से अधिक लाभदायक है।





1. छोटे चीरे और कम दर्द

लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में सिर्फ 3-4 छोटे चीरे लगाए जाते हैं, जबकि ओपन सर्जरी में एक बड़ा चीरा लगाया जाता है। इससे मरीज को कम दर्द होता है और चीरा जल्दी ठीक हो जाता है।



2. जल्दी रिकवरी

लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के बाद मरीज आमतौर पर 1-2 दिन में अस्पताल से छुट्टी पा सकते हैं और 1-2 सप्ताह में सामान्य दिनचर्या में लौट सकते हैं। दूसरी ओर, ओपन सर्जरी में रिकवरी का समय 4-6 सप्ताह तक हो सकता है।

3. संक्रमण और जटिलताओं का कम खतरा

छोटे चीरे होने के कारण लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में संक्रमण और अन्य जटिलताओं का जोखिम कम होता है। यह प्रक्रिया अधिक सुरक्षित मानी जाती है।

4. कम निशान

लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के बाद चीरे के निशान लगभग गायब हो जाते हैं, जिससे त्वचा का प्राकृतिक लुक बना रहता है। ओपन सर्जरी के बड़े निशान लंबे समय तक बने रह सकते हैं।

5. बेहतर दृश्यता

लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में डॉक्टर एक हाई-रेजोल्यूशन कैमरे का उपयोग करते हैं, जिससे प्रभावित क्षेत्र को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। यह सटीक सर्जरी करने में मदद करता है।

6. मरीजों की बढ़ती संतुष्टि

कम दर्द, तेजी से रिकवरी और छोटे निशानों के कारण मरीज लैप्रोस्कोपिक सर्जरी को प्राथमिकता देते हैं। यह प्रक्रिया अधिक आरामदायक और कम मानसिक तनाव वाली होती है।

निष्कर्ष

लैप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॉमी सर्जरी आज के समय में गॉलब्लैडर की समस्याओं के लिए सबसे उपयुक्त और सुरक्षित विकल्प है। इसके लाभ जैसे कम दर्द, जल्दी रिकवरी और कम जटिलताएं इसे ओपन सर्जरी से अधिक बेहतर बनाते हैं। यदि आपको गॉलब्लैडर की समस्या है, तो अपने डॉक्टर से इस सर्जरी के बारे में चर्चा करें।

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